Category Archives: भारतीय राजनीति एवम अर्थतंत्र

न किसी की आँख का नूर हूँ

कल राहुल गाँधी जी की सभा से लोग रफ़ूचक्कर हो गये. उन्हीं की शान में एक क़सीदा. याद रहे कि यह ग़ज़ल अंतिम मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र ने लिखी थी.

न किसी की आँख का नूर हूँ   I am not the light of any eye
न किसी के दिल का क़रार हूँ  Nor am I the rest of any heart
जो किसी के काम न आ सके  One that is useless to all
मैं वो एक मुश्त-ए-ग़ुबार हूँ   I am that gust of wind

मेरा रंग-रूप बिगड़ गया      I got defaced
मेरा यार मुझसे बिछड़ गया    My beloved were separated from me
जो चमन ख़िज़ाँ से ऊजड़ गया  The garden that was deserted by autumn
मैं उसीकी फ़स्ल-ए-बहार हूँ    I am the crop of spring of that

ज़हेफ़ातिहा कोई आये क्यूँ?    Why should anyone come to express sorrow?
कोई चार फूल चढ़ाये क्यूँ?    Why should anyone bring flowers to lay?
कोई आ के शम्मा जलाये क्यूँ? Why should anyone come and burn candles?
मैं वो बेकसी का मज़ार हूँ     I am the grave of that helplessness!

मैं नहीं हूँ नग्मा-ए-जाँ-फ़ज़ा   I am not a song that elates hearts
मुझे सुन के कोई करेगा क्या?  What will anyone gain by listening to me?
मैं वहीद रोग की हूँ सदा      I am the sigh of a patient of a chronic disease
मैं बड़े दुःखी की पुकार हूँ     I am a call of a very unhappy person

ना तो मैं किसी का हबीब हूँ   I am neither a friend of anyone
ना तो मैं किसी का रक़ीब हूँ   Nor am I a competitor of anyone
जो बिगड़ गया वो नसीब हूँ    I am the spoiled fortune
जो ऊजड़ गया वो दयार हूँ    I am the deserted address

मैं कहाँ रहूँ मैं कहाँ बसूँ      Where should I stay, O! where I stay
न ये मुझसे ख़ुश, न वो मुझसे ख़ुश Neither are happy with me
मैं ज़मीं के पीठ का बोझ हूँ    I am a burden on the back of earth
मैं फ़लक के दिल का ग़ुबार हूँ  I am a flicker of imagination of the sky

साई बाबा और मूकेश अंबानी

साई बाबा: “सब का मालिक एक!”

मूकेश अंबानी: “सब का मालिक एक, मैं!”

एक टी-शर्ट लाईन – दिल्ली गैंग रेप के विरोध में

“हाँ, मैं उसका भाई हूँ!”

और हाँ जी,

अगर आप को अभद्र भाषा से परहेज़ न हो तो नीचे के चुटकुले के लिये पासवर्ड मीनाक्षी शेषाद्रि की गैंग रैप के सामने जंग छेड़ती, जानी मानी एक बोलीवूड मुवी के नाम से है. मगर याद रखें, पुलिस की नाकामी पर किये गये इस व्यंग की भाषा बड़ी ही अभद्र है!

संरक्षित: पुलिस है …

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शरद पवार ने थप्पड़ क्यूँ खाया?

वैसे तो शरद पवार जी खाने के बड़े शौक़ीन हैं 😉 लेकिन आज कल थप्पड़ ही सस्ते से खा सकता है कोई!

अण्णा हज़ारे और सुरेश कलमाड़ी, कन्नीमोऴी और राजा

क्या ज़माना आया है!

अण्णाने कुछ भी खाने से मना किया तो उन्हे बंद कर दिया गया.

सुरेश कलमाड़ी, कन्नीमोऴी और राजा सब कुछ खा गये तो उन्हे भी बंद कर दिया गया!

प्रणब मुखर्जी – किसी की आवाज़ दबाने की कोशिश नहीं की जा रही

अण्णा हज़ारे जी की हिरासत को ले कर प्रणबदा ने कहा है कि किसी की आवाज़ दबाने की कोशिश नहीं की जा रही.

प्रणबदा किसी के गले के बारे में कुछ नहीं बोले!

अत्यधिक पारदर्शिता

हम तो सरकार से शासन में केवल पारदर्शिता माँगने चले थे.

धारा १४४ वग़ैरह लगा कर सरकार तो पारदर्शिता से आगे बढ़ कर बिलकुल नंगापन दिखाने लगी है!

’सन’ टीवी पर सब से अधिक आ रहा इश्तहार

प्रश्न: आजकल मारन परिवार की मालिकी वाले ’सन’ टीवी चैनल पर कौन सा इश्तहार सब से अधिक दिखाया जाता होगा?

उत्तर: “सर्फ़” का. “क्योंकि दाग़ अच्छे हैं”.

दिग्विजय सिंघ और बाबा रामदेव

प्रश्न: बाबा रामदेव तो राजनीति कर लिये. ओसामा बिन लादेन को ’लादेनजी’ कहने के बाद में रामदेव बाबा को ’ठग’ कहने वाले दिग्विजय सिंघजी जनता को योग क्यूँ नहीं सिखाते?

उत्तर: क्यूँकि ’असंस्कार’ नाम का चैनल नहीं आता!